21 साल में परमवीर! 😱 ‘टैंक नहीं छोडूंगा’ कहकर इस वीर ने बचाई भारत की शान!
भारतीय सेना के इतिहास में ऐसे कई नायक हुए हैं जिनकी कहानियाँ हमें गौरव से भर देती हैं, और उनमें से एक हैं मात्र 21 वर्ष की उम्र में शहीद हुए परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल। एक सैन्य परिवार में जन्मे अरुण ने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और कम उम्र में ही प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश लेकर देश सेवा का मार्ग चुना। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में, दुश्मन के भीषण हमले के दौरान, उनका टैंक क्षतिग्रस्त हो जाने पर भी उन्होंने उसे छोड़ने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि 'नहीं सर, मैं अपना टैंक नहीं छोडूंगा, मेरी बंदूक अभी भी काम कर रही है।' ऐसे अदम्य साहस की कहानियों के लिए, हमारे चैनल को अभी सब्सक्राइब करें! इस अद्वितीय शौर्य का प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने अपने अंतिम साँस तक लड़ते हुए कई दुश्मन टैंकों को नष्ट किया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के जवान बन गए। लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की यह अमर गाथा हमें हमेशा देशभक्ति और बहादुरी की प्रेरणा देती रहेगी। ऐसी और प्रेरक कहानियों के लिए, हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें!
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