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उसका घर था इंसानी चमड़े का… कैसे पकड़ा गया ये खौफनाक ‘मॉन्स्टर’?

उसका घर था इंसानी चमड़े का… कैसे पकड़ा गया ये खौफनाक ‘मॉन्स्टर’?

1950 के दशक के विस्कॉन्सिन में एक अकेला किसान, एड गेइन, अचानक पूरे शहर में दहशत का पर्याय बन गया। 58 वर्षीय बर्नीस वॉर्डन के रहस्यमय ढंग से गायब होने के बाद, पुलिस की जांच उन्हें एड के सुनसान फार्महाउस तक ले गई। जो अंदर मिला, वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देगा – इंसानी चमड़े से बने फर्नीचर और कब्रों से निकाली गई लाशों के अवशेष! चौंकाने वाली बात यह थी कि एड गेइन अपनी मां की मौत के बाद कब्रें खोदकर लाशों को निकालता था और उनसे भयानक चीजें बनाता था। बर्नीस वॉर्डन के बेटे, डिप्टी शेरिफ फ्रैंक वॉर्डन की सतर्कता ने एड गेइन को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाई; दुकान में खून के धब्बे और एड के नाम की आखिरी रसीद ने सारे राज़ खोल दिए। कानूनी प्रक्रिया में उन्हें मानसिक रूप से बीमार घोषित किया गया और अंततः उन्होंने अपना पूरा जीवन एक मानसिक अस्पताल में बिताया। उनकी मृत्यु 77 साल की उम्र में फेफड़ों के कैंसर से हुई और आज भी उनकी कब्र unmarked है, क्योंकि पर्यटक उनकी ग्रेवस्टोन तोड़कर ले गए थे। एड गेइन की यह भयावह कहानी 'साइको' और 'टेक्सास चेन सॉ मैसेकर' जैसी कई प्रतिष्ठित हॉरर फिल्मों को प्रेरित कर चुकी है। क्या आप ऐसी और रहस्यमयी और सच्ची घटनाओं के बारे में जानना चाहते हैं? तो तुरंत हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और देखते रहें! यह कहानी हमें दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति की सनक उसे इतिहास के सबसे कुख्यात अपराधियों में से एक बना सकती है। ऐसी और सनसनीखेज कहानियों के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें!

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